नमस्कार दोस्तो मेै अमित वैष्णव आपका स्वागत करता हूँ हमारी इस पोस्ट में, आज कि इस पोस्ट में हम बात करेंगे पल्स पोलियो Pulse Polio के बारे में, और जानेगे कि किस तरह यह भारत में आया और से क्या लाभ हुऐ, आज कि इस पोस्ट में मैं पल्स पोलियो के बारें में आपको सम्पूर्ण जानकारी प्रदान करने कि कोशिश करूँगा, अगर कही त्रुति रहे गयी हो तो कमेंट करे, हम उसमें पुन: सुधार करेगे।
तो चलिऐ शुरू करते है...
🔴पल्स पोलियो :-
भारत ने डब्ल्यूएचओ WHO (World Health Organization) वैश्विक पोलियो उन्मूलन प्रयास के परिणाम स्वरूप 1995 में पल्स पोलियो टीकाकरण (पीपीआई) कार्यक्रम आरंभ किया ' इस कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को पोलियो समाप्त होने तक हर वर्ष दिसंबर और जनवरी माह में ओरल पोलियो टीके (ओपीवी) की दो खुराकें दी जाती हैं।
यह अभियान सफल सिद्ध हुआ है और भारत में पोलियो माइलिटिस की दर में काफी कमी आई है' पीपीआई की शुरुआत ओपीवी के तहत शत प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से की गई थी' इसका लक्ष्य उन्नत सामाजिक प्रेरण, उन क्षेत्रों में मॉप अप प्रचालनों की योजना बनाकर उन बच्चों तक पहुंचना है जहां पोलियो वायरस लगभग गायब हो चुका है और यहां जनता के बीच उच्च मनोबल बनाए रखना है' 2009 के दौरान हाल ही में भारत में विश्व के पोलियो के मामलों का उच्चतम भार (741) था, यहां तीन अन्य महामारियों से पीडित देशों की संख्या से अधिक मामले थे' यह टीका बच्चों तक पहुंचाने के असाधारण उपाय अपनाने से भारत में पश्चिम बंगाल राज्य की एक दो वर्षीय बालिका के अलावा कोई अन्य मामला नहीं देखा गया जिसे 13जनवरी 2011 को लकवा हो गया था।
'आज भारत ने पोलियो के खिलाफ अपने संघर्ष में एक महत्वपूर्ण पड़ाव प्राप्त किया है, चूंकि अब पोलियो का अन्य कोई केन्द्र नहीं है' भारत में 13 जनवरी 2011 के बाद से सीवेज के नमूनों में न तो वन्य पोलियो वायरस और न ही अन्य पोलियो वायरस का मामला दर्ज किया गया है 'इसकी असाधारण उपलब्धि लाखों टीका लगाने वालों, स्वयं सेवकों, सामाजिक प्रेरणादायी व्यक्तियों ,अभिनेताओं , सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक नेताओं के साथ सरकार द्वारा लगाई गई ऊर्जा ,समर्पण और कठोर प्रयास का परिणाम है ' पोलियो उन्मूलन के प्रयास देश में सर्वाधिक मान्यता प्राप्त ब्रांड हैं, जिसमें फिल्म उद्योग के चर्चित सितारे जनता को संदेश देते हैं 'ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का प्रयास एक वरदान सिद्ध हुआ है ' सरकार को तकनीकी और रसद संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए 1997 में राष्ट्रीय पोलियो निगरानी परियोजना आरंभ की गई और अब यह राज्य सरकारों के साथ नजदीकी से कार्य करती है और देश में पोलियो उन्मूलन का लक्ष्य पूरा करने के लिए भागीदारी एजेंसियों की एक बड़ी श्रृंखला इसमें संलग्न है।
तो चलिऐ शुरू करते है...
🔴पल्स पोलियो :-
pulse Polio |
भारत ने डब्ल्यूएचओ WHO (World Health Organization) वैश्विक पोलियो उन्मूलन प्रयास के परिणाम स्वरूप 1995 में पल्स पोलियो टीकाकरण (पीपीआई) कार्यक्रम आरंभ किया ' इस कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को पोलियो समाप्त होने तक हर वर्ष दिसंबर और जनवरी माह में ओरल पोलियो टीके (ओपीवी) की दो खुराकें दी जाती हैं।
यह अभियान सफल सिद्ध हुआ है और भारत में पोलियो माइलिटिस की दर में काफी कमी आई है' पीपीआई की शुरुआत ओपीवी के तहत शत प्रतिशत कवरेज प्राप्त करने के उद्देश्य से की गई थी' इसका लक्ष्य उन्नत सामाजिक प्रेरण, उन क्षेत्रों में मॉप अप प्रचालनों की योजना बनाकर उन बच्चों तक पहुंचना है जहां पोलियो वायरस लगभग गायब हो चुका है और यहां जनता के बीच उच्च मनोबल बनाए रखना है' 2009 के दौरान हाल ही में भारत में विश्व के पोलियो के मामलों का उच्चतम भार (741) था, यहां तीन अन्य महामारियों से पीडित देशों की संख्या से अधिक मामले थे' यह टीका बच्चों तक पहुंचाने के असाधारण उपाय अपनाने से भारत में पश्चिम बंगाल राज्य की एक दो वर्षीय बालिका के अलावा कोई अन्य मामला नहीं देखा गया जिसे 13जनवरी 2011 को लकवा हो गया था।
'आज भारत ने पोलियो के खिलाफ अपने संघर्ष में एक महत्वपूर्ण पड़ाव प्राप्त किया है, चूंकि अब पोलियो का अन्य कोई केन्द्र नहीं है' भारत में 13 जनवरी 2011 के बाद से सीवेज के नमूनों में न तो वन्य पोलियो वायरस और न ही अन्य पोलियो वायरस का मामला दर्ज किया गया है 'इसकी असाधारण उपलब्धि लाखों टीका लगाने वालों, स्वयं सेवकों, सामाजिक प्रेरणादायी व्यक्तियों ,अभिनेताओं , सामाजिक कार्यकर्ताओं और धार्मिक नेताओं के साथ सरकार द्वारा लगाई गई ऊर्जा ,समर्पण और कठोर प्रयास का परिणाम है ' पोलियो उन्मूलन के प्रयास देश में सर्वाधिक मान्यता प्राप्त ब्रांड हैं, जिसमें फिल्म उद्योग के चर्चित सितारे जनता को संदेश देते हैं 'ग्रामीण क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का प्रयास एक वरदान सिद्ध हुआ है ' सरकार को तकनीकी और रसद संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए 1997 में राष्ट्रीय पोलियो निगरानी परियोजना आरंभ की गई और अब यह राज्य सरकारों के साथ नजदीकी से कार्य करती है और देश में पोलियो उन्मूलन का लक्ष्य पूरा करने के लिए भागीदारी एजेंसियों की एक बड़ी श्रृंखला इसमें संलग्न है।
🔴पोलियोमाइलिटीस (Poliomyelitis):-
- ✳ यह एक संक्रामक रोग है जो एक ऐसे वायरस से उत्पन्न होता है, जो गले तथा आंत में रहता है।
- ✳ पोलियोमाइलिटिस एक ग्रीक शब्द पोलियो से आया है जिसका अर्थ है ''भूरा'', माइलियोस का अर्थ है मेरु रज्जु और आइटिस का अर्थ है प्रज्जवलन।
- ✳ यह आम तौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैलता है। यह नाक और मुंह के स्राव से भी फैलता है।
- ✳ हालाँकि, यह मुख्यतः एक से पाँच वर्ष की आयु के बच्चों को ही प्रभावित करता है, क्योंकि उनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं हुई होती है।
- ✳ पोलियो का पहला टीका जोनास सौल्क द्वारा विकसित किया गया था।
- ✳ गौरतलब है कि दक्षिण-पूर्व एशिया सहित भारत को वर्ष 2014 में पोलियो-मुक्त घोषित किया गया था।
- ✳ पोलियो-मुक्त होने के बावजूद भारतीय नीति-निर्माताओं द्वारा पोलियो पर इतना ध्यान इसलिये दिया जा रहा है क्योंकि पोलियो वायरस के भारत में वापस आने का खतरा है।
🔴 पल्स पोलियो अभियान :-
✳ भारत ने विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक पोलियो उन्मूलन प्रयास के परिणामस्वरूप 1995 में पल्स पोलियो टीकाकरण (PPI) कार्यक्रम आरंभ किया। इस कार्यक्रम के तहत 5 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को पोलियो समाप्त होने तक हर वर्ष दिसम्बर और जनवरी माह में ओरल पोलियो टीके (OPV) की दो खुराकें दी जाती हैं।
✳ पल्स पोलियो कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भारत को पोलियो मुक्त बनाना है।
✳इस कार्यक्रम के तहत ये भी पता किया जाता है कि हाल ही में किसी को यह बिमारी तो नही हुई है इसके लिऐ वोलेन्टीयर्स लोगो से घर -घर जाकर पुछते है।
✳ यह कार्यक्रम तीन दिनो तक चलता है जिसमें पहले दिन वोलेन्टीयर्स अपने बूथ पर बच्चो को पोलियो पिलाते है एंव अन्य दो दिन घर-घर घूम कर पोलियो पीलाते है ताकि कोई बच्चा शेष ना रहे जाऐ।
✳यह कार्यक्रम हर वर्ष साल में दो बार किया जाता है।
🔴 पल्स पोलियो दिवस :-
विश्व पोलियो दिवस 'विश्व पोलियो दिवस' प्रत्येक वर्ष '24 अक्टूबर' को मनाया जाता है, क्योंकि अक्टूबर माह में ही जोनास सॉक का जन्म हुआ था, जो वर्ष 1955 में पोलियो की पहली वैक्सीन का आविष्कार करने वाली टीम के प्रमुख थे। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य पोलियो जैसी बीमारी के विषय में लोगों में जागरूकता फैलाना है।
तो दोस्तो हमारा आज कि यह पोस्ट यही समापत होती है, नयी जानकारी मिलने पर भविष्य में पोस्ट में विस्तार किया जा सकता है।
यहा आने के लिऐ धन्यवाद...