This Blog Provide Content about History, Health, Jokes, Top10, Facts, Teach, Story and gaming etc. in Hindi.
नमस्कार दोस्तो, आपको इस वेबसाइट पर इतिहास, स्वास्थ्य, चुटकुले, फेक्टस, टेक, कहानी और विडियो गेम्स आदि के बारे में जानने को मिलेगा, हमारा उद्देश्य आपको मनोरंजन के साथ शिक्षा देना है जिससे आप अपने knowledge को बढा सकोगे ।
Home
Historyटीपू सुल्तान कौन थे | Who is Tipu Sultan
नमस्कार दोस्तो मै Av Hindi Creator आज आपको बताने वाला हूँ टीपू सुल्तान का पुरा इतिहास तो बने रहीये हमारे साथ। Tipu Sultan – ‘म्हैसुर का शेर’ इस नाम से टिपू सुल्तान को जाना जाता है। भारतीय इतिहास में ऐसे कई दिग्गज हुए हैं जिनके बारे में पढ़ना, उनके बारे में लिखना और उन्हें गहराई से जानने की इच्छा व्यक्त होती है। इन्हीं दिग्गजों में से एक थे मैसूर के मशहूर शासक टीपू सुल्तान। जहां एक ओर प्रतापी राजाओं महाराणा प्रताप, बाजीराव पेशवा, पृथ्वीराज चौहान जैसे हिन्दू राजाओं की बात होती है, वहीं दूसरी ओर मैसूर में जन्मे टीपू सुल्तान को भी लोग याद रखते हैं।
Tipu Sultan History
पूरा नाम – सुल्तान फतेह अली खान शाहाब जन्म – 20 नव्हंबर 1750 जन्मस्थान – युसुफाबाद (कर्नाटक) पिता – हैदर अली माता – फतीमा फकरुन्निसा शिक्षा – फार्सी, कानडी, उर्दू, अरबी इस भाषा पर प्रभुत्त्व। उन्होंने खुद के गणित और शास्त्र के आधार पर पंचाग तयार किया था। विवाह – सिंध सुल्तान के साथ।
(1). उनका नाम
टीपू का जन्म के समय से नाम सुल्तान फतेह अली खान शाहाब रखा गया था, लेकिन द्निया दुनिया उन्हें इस नाम से बिल्कुल भी नहीं पहचानती। यदि उनकी पहचान किसी नाम से है तो वह है ‘टीपू सुल्तान’, तो फिर यह नाम कैसे पड़ा?
(2). कैसे पड़ा नाम टीपू सुल्तान?
उनको यह नाम स्वयं उनके माता-पिता द्वारा ही हासिल हुआ था। वे एक प्रसिद्ध धर्म-गुरु टीपू मस्तान ऑलिया को काफी मानते थे, जिसके बाद अपने स्वयं के पुत्र को वह टीपू कहकर ही पुकारते थे। यही कारण है कि सुल्तान फतेह अली खान शाहाब आगे चलकर ‘टीपू सुल्तान’ के नाम से प्रसिद्ध हुए।
(3). शेर का किया सामना
कहते हैं एक बार टीपू सुल्तान अपने एक फ्रांसिसी दोस्त के साथ जंगल में शिकार करने गए थे। तभी एक शेर ने उन लोगों पर धावा बोल दिया। शेर सुल्तान पर यूं कूदा जिसके कारण उनके शस्त्र उनके हाथों से निकलर कुछ दूर जा गिरे। किसी तरह से उन्होंने जुगत लगाकर तेज़ी से अपनी कटार उठाई और शेर पर वार किया।
(4). नीतियों में तेज़
उनकी इसी समझदारी के कारण 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने मलाबार साम्राज्य को हड़परकर उसपर नियंत्रण पा लिया था। तब उनके पास मलाबार की बड़ी सेना के सामने महज़ 2000 सैनिक थे, लेकिन फिर भी वे डरे नहीं और अंतत: जीत उनकी ही हुई।
(5). कठोर शासक
एक ओर जहां सुल्तान की बहादुरी एवं कुशल दिमाग की तारीफ की जाती है, वहीं दूसरी ओर उनके कठोर शासन के भी उदाहरण दिए जाते हैं। मैसूर के इस शेर ने अपने राज्य में वह हर मुमकिन कार्य कराया जो राज्य की उन्नति के लिए अच्छा था, लेकिन अन्य राज्यों को भी जबर्दस्ती अपना बना लेना सुल्तान का शौक था।
(6). धार्मिक स्थल नष्ट किए
सुल्तान ने ना केवल लोगों को मुसलमान बनाया, बल्कि कई हिन्दू एवं ईसाई धार्मिक स्थलों को नष्ट भी कर दिया। अपने राज्य के साथ-साथ उन सभी राज्यों में, जिन पर सुल्तान की मोहर लग चुकी थी, हर एक राज्य से हिन्दू मंदिरों को हटा दिया।
(7). ब्राह्मणों की मौत
इसके अलावा सुल्तान द्वारा कई ब्राह्मणों को भी मौत के घाट उतारा गया। जानकारों का मानना है कि आज तक के सभी इस्लामिक शासकों में से शायद ही कोई ऐसा था जो टीपू सुल्तान जैसा खूंखार था। उसमें किसी के लिए भी कोई दया भावना नहीं थी।
(8). सुल्तान की कढ़वी सच्चाई
सुल्तान की इस कड़वी सच्चाई के सामने उनके कुछ अच्छे कार्य भी याद किए जाते हैं। शायद आप यकीन ना कर पाएं लेकिन फ्रांस में बनाई गई सबसे पहली मिसाइल के अविष्कार में यदि किसी का सबसे अधिक दिमाग था तो वह थे स्वयं टीपू सुल्तान और उनके पिता हैदर अली
(9). शस्त्र हुए चोरी
सुल्तान अपनी तेज़-तर्रार तलवारों के लिए भी जाने जाते थे, यही कारण है कि उनकी मृत्यु के बाद विदेशी उनके शस्त्रों को चुराकर ले गए थे। सुल्तान के कई सारे शस्त्र वर्ष 2004 तक ब्रिटेन के एक म्यूजियम में ही रखे हुए थे, जिसके बाद एक भारतीय व्यापारी विजय माल्या ने इन्हें खरीद लिया।
टिपू सुल्तान का इतिहास – Tipu Sultan History In Hindi
15 साल के उम्र से टिपू सुल्तान ने अपने पिता हैदर अली के साथ जंग मे हिस्सा लेने की शुरवात की। वो बहोत अभिमानी और आक्रामक स्वभाव का था। वो गुरिल्ला युद्ध से जंग लढ़ने मे माहिर था। रात कभी भी छापा डालना, समझौता – शांति पालन न करना, समय आनेपर पीछे हटकर छापा डालना ऐसे प्रकार भी वो करते थे।
साम्राज्य विस्तार और राज्य मजबूत बनाने के लिये वो सभी तरह के प्रयास किये। फ्रेंच के संबध आने पर सैनिको का आधुनिकीकरण किया।
ख्रिश्चनीकरण के खिलाफ धर्म बदल के मोहीम चलायी। आसपडोस के देशों से व्यापार संबध अच्छे करने के लिये प्रयास किये। टिपू सुल्तान 17 साल सरकार चलाया। उन्होंने खुद की काल गिनती शुरु की। माप-वजन-सिक्के इसमे बदल किये। टिपू सुल्तान को ग्रंथ संग्रह करने का शौक था। ‘फर्मान – बनाम – अलीराज्य’ और ‘फतह – उल – मुजहिददीन’ इन दो ग्रंथो की रचना उन्होंने की।
सैनिक और पराक्रमी टिपू सुल्तान को मात गिराने के लिये लार्ड कॉर्नवॉलीसन ने उनके खिलाफ अग्रेंज – मराठा – निजाम ऐसा संघ स्थापन किया।
1799 के आसपास वेलस्लिने टिपू सुल्तान के खिलाफ जंग शुरु की। उसमे उनकी मौत हुयी। लेकीन प्रजाहितदक्ष शासक, उच्च न्यायाधीश विदेशी दोस्ती अधिकारी और सर सेनापती ऐसे रोल करने वाले टिपू सुल्तान ने म्हैसुर का नाम दुनिया के नक्षे पर लाया। कर्नाटक के श्रीरंगपट्टना मे टिपू सुल्तान का अग्रेंजो ने धोके से कत्ल किया। फिर भी टिपू सुल्तान अग्रेंजो से आखरी सास तक लढते रहे।
0 टिप्पणियाँ: