रविवार, 25 फ़रवरी 2018

हीरो मोटरसाइकिलस का इतिहास

हैल्लो दोस्तो में AV HINDI CREATOR लेकर आया हूं आज एक बेहद खास ब्लॉग जिसमे आज में आपको हीरो मोटोकॉर्प का पूरा इतिहास बताने वाला हूं आपने कभी ना कभी इस कम्पनी की मोटरसाइकिल तो जरूर चलाई होगी, या फिर देखी होगी आज हम इसी के इतिहास के बारे में चर्चा करेंगे।

तो चलिए शुरू करते है-


-HISTORY OF HERO MOTOCORP-





मैं बात करने जा रहा हूं दुनिया की सबसे बड़ी टू व्हीलर कंपनी हीरो मोटोकॉर्प यानी हीरो ग्रुप की जिसकी शुरुआत देश आजाद होने से पहले ही बृजमोहन लाल मुंजाल ने अपने तीन भाइयों के साथ मिलकर की थी और उनका सपना था एक ऐसी सवारी बनाना जो गरीबों के लिए ट्रांसपोर्ट का सबसे सस्ता जरिया बन जाए लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए उनके पास इतनी पूंजी भी नहीं थी जिस वजह से उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत साइकिल के पार्टस बेचने से की और फिर पार्टस बेचने से हीरो ग्रुप को दुनिया का सबसे बड़ा टू व्हीलर कंपनी कैसे बनाया सब कुछ जानेंगे ।

कहानी की शुरुआत होती है 1 जुलाई 1923 से जब अविभाजित भारत के कमालिया नाम की जगह पर बृजमोहन लाल मुंजाल का जन्म हुआ।


भारत पाकिस्तान के अलग हो जाने के बाद कमालिया अब पाकिस्तान मे है, बृजमोहन लाल सिर्फ 20 साल की उम्र में अपने 3 भाइयों दयानंद सत्यानंद और ओमप्रकाश के साथ कवालिया से अमृतसर आए और उन्होंने बहुत छोटे स्तर पर साइकिल के पुर्जों का कारोबार शुरू किया।
जैसे जैसे कारोबार बढ़ा तो उनके पास कुछ पैसे इकट्ठे हो गए और फिर 1954 में उन्होंने लुधियाना में हीरो साइकिल की स्थापना कि जहां वे साइकिल के लिए चेन हैंडल और भी कुछ पार्टस बनाते थे।

 अगले 2 सालों बाद 1956 में पंजाब सरकार ने साइकिल बनाने वाली कंपनी के लिए टेंडर निकाला और उस में हीरो साइकल्स ने भी अपनी बीट लगा दी और सौभाग्य से Hero ग्रुप को सरकार द्वारा साइकिल बनाने का लाइसेंस मिल गया जिसके बाद उन्होंने अपनी पूंजी  और सरकार से ₹600000 कि मदद लेकर साइकिल बनाने  का कारोबार शुरू  किया।

हालांकि शुरुआत में उनके प्रोडक्शन कुछ खास नहीं थे लेकिन समय बीतने के साथ ही साथ अपनी लगन और मेहनत से उन्होंने प्रोडक्शन को बढ़ाकर 7500 साइकिल हर साल की और फिर 1975 तक हीरो साइकिल भारत की सबसे बड़ी साइकिल बनाने वाली कंपनी बन गई जिसके बाद उन्होंने साइकिलस को बड़े स्तर पर विदेशों में भी भेजना शुरू कर दिया और इस तरह से 1986 तक यह कंपनी भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की सबसे बड़ी साइकिल बनाने वाली कंपनी बन गई और इसी साल उन का यह रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया और अगर आज की बात करें तो कंपनी हर रोज 19000 साइकिल बनाती है।

 साइकिल मैन्युफैक्चर के रूप में एक बड़ी कामयाबी के बाद Hero ग्रुप ने मोटर साइकिल बनाने की शुरुआत की पहली बार उन्होंने हीरो मैजेस्टिक मोपेड बनाया और फिर 1984 में उन्होंने मोटर साइकिल बनाने के लिए जापान की कंपनी Honda के साथ करार किया।

बस यहां से उन्होंने एक और कामयाबी की नींव चढ़ि और फिर हीरो ग्रुप ने Honda के साथ मिलकर मोटर साइकिल बनाने के लिए हरियाणा के धारूहेड़ा नाम की जगह पर प्लांट लगाया और फिर 13 अप्रैल 1985 को Hero Honda की पहेली बाइक CD 100 लांच की गई इस बाइक ने मानो अपनी लॉन्चिंग के बाद धूम ही मचा दी क्योंकि इस बाइक को खासकर के आम आदमियों के लिए बनाया गया था जिसकी जबरदस्त माइलेज और कंफर्ट की वजह से लोगों ने इसे खूब पसंद किया।

यही वजह थी कि 1985 से 2002 तक Hero Honda की 86 लाख मोटरसाइकिल की बिक्री हुई उस समय हर दिन 16000 नई मोटरसाइकिल बनने लगी।

मोटरसाइकिल मैन्युफैक्चर के रूप में Hero Honda ने कामयाबी के झंडे गाड़ने के बाद अगस्त 2011 में अलग होने का फैसला लिया लेकिन भारत में हीरो होंडा की मोटरसाइकिल बस 2013 तक बिकी, हीरो ने Honda का नाम इस्तेमाल करने के लिए उन्हें रॉयल्टी दी थी और फिर जब दोनों कंपनियां अलग हो गई तो हीरो ने अपना कारोबार हीरो मोटोकॉर्प नाम से आगे बढ़ाया और आज के समय में हीरो मोटोकॉर्प दुनिया की सबसे बड़ी मोटर साइकिल बनाने वाली कंपनी है।

 भारत में भी 46 परसेंट लोग Hero की बाइक यूज़ करते हैं दोस्तों कामयाबी का एक अलग इतिहास रचने के बाद 1 नवंबर 2015 को 92 साल की उम्र में बृजमोहन लाल मुंजाल ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया लेकिन उससे पहले ही उन्होंने अपनी लाइफ से हमें बहुत कुछ सिखा दिया है।

यदि हमारे हौसले बुलंद और इरादे नेक हो तो कभी ना कभी सफलता हमारे कदम जरूर चूमती है।


तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही।।
कैसा लगा आपको मेरा यह ब्लॉग कमेंट कर के बताए।।
यह आने के लिए धन्यवाद।।

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