मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018

Holi Festival

नमस्कार दोस्तों  आज मै AV HINDI CREATOR आपको बताने वाला हूं  इंडिया के Holi Festival के बारे में ।
जो आपको जरूर पसंद आएगा तो  समय नष्ट ने करते हुए शुरू करते है।



तो चलिए शुरु करते है-



1.क्यो मनाते है होली फेस्टिवल को (Why Celibate Holi Festival):-

दोस्तो आपने होली के त्यौहार से सम्बन्धित बहोत सारी कहानीया पढ़ी ओर सुनी होंगी आज मै उनमे से ही कुछ कहानियों के बारे मे बताने वाला हूँ।

1. प्रहलाद की कथा:-
यह कथा भक्त प्रहलाद के बारे में हैं,
पुराने समय मे हिरण्यकश्यप भारत का एक राजा था जो कि राक्षस की तरह था। वह अपने छोटे भाई की मौत का बदला लेना चाहता था जिसे भगवान विष्णु ने मारा था।
 इसलिए ताकत पाने के लिए उसने सालों तक तपस्या की औऱ आखिरकार उसे वरदान मिल गया,  लेकिन इससे हिरण्यकश्यप खुद को भगवान समझने लगा और लोगों से खुद की भगवान की तरह पूजा करने को कहने लगा। 
इस दुष्ट राजा का एक पुत्र था जिसका नाम प्रहलाद था और वह भगवान विष्णु का परम भक्त था। प्रहलाद ने अपने पिता का कहना कभी नहीं माना और वह भगवान विष्णु की पूजा करता रहा। 
स्वंयम के पुत्र द्वारा अपनी पूजा ना करने से नाराज हिरण्यकश्यप अपने पुत्र को मारने का निर्णय किया। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वो प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए क्योंकि होलिका आग में जल नहीं सकती थी, होलिका के पास आग में ना जलने का वरदान था।
 उनकी योजना प्रहलाद को जला कर मारने की थी, लेकिन उनकी योजना सफल नहीं हो सकी क्योंकि प्रहलाद सारा समय भगवान विष्णु का नाम लेता रहा और बच गया पर भगवान विष्णु की लीला से होलिका जलकर राख हो गई। होलिका की ये हार बुराई के नष्ट होने का प्रतीक है। इसके बाद भगवान विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध कर दिया, लेकिन होली से होलिका की मौत की कहानी जुड़ी है। इसके चलते भारत के में होली से एक दिन पहले बुराई के अंत के प्रतीक के तौर पर होली जलाई जाती है।

2.भगवान कृष्ण की कथा :-
यह कथा भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण के समय की है। माना जाता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था, इसलिए होली मनाई जाती है।
पूतना के वध करने के बाद सभी लोगो ने अपना हर्ष व्यक्त किया था, और रंग उड़ाए थे। श्री कृष्ण भी रंगों से होली मनाते थे जिस कारण होली में रंगों का विशेष महत्व है।




2.कब और कहा मनाते है होली (Where are Celebrate Holi):-

होली फेस्टिवल वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।



3.होली से सम्बंधित कुछ बाते (Facts Abot Holi):-

-होलिका दहन के अगले दिन को धुलण्डी भी कहा जाता है।
-होली को फाल्गुन मास में मनाने के कारण इसे फाल्गुनी के नाम से भी जाना जाता है।
-होली के दिन किसानो को बेहद ही ख़ुशी होती है क्योकि इस समय में फसले पक चुकी होती है।
-.मुग़ल काल में भी होली के किस्से मौजूद थे, जिसमे अकबर का जोधाबाई के और जहाँगीर का नूरजहाँ के साथ होली खेलने का वर्णन मिलता है।
-शाहजहाँ के समय में भी होली को आब-ए-पाशी या ईद-ए-गुलाबी के नाम से जाना जाता था।
-भारत में व्रज, मथुरा, वृन्दावन और बरसाने की लट्ठमार होली व श्रीनाथजी, काशी आदि की होली बहुत ही प्रसिद्ध है।



4.होली से सम्बंधित सामाजिक कुरीतिया:-

दोस्तो वैसे तो होली रंगों का त्यौहार है और यह उत्सव भारत के साथ साथ दुनिया के दुसरे हिस्सो में भी पूरे हर्ष उल्लासपूर्ण मनाया जाता है।
लेकिन इस मे कुछ सामाजिक कुरीतिया भी है जैसे कि  कुछ लोग भांग और शराब का सेवन कर इसे मनाते है, कुछ असामाजिक तत्व इस दिन महिलाओं और लड़कियों की रंग लगाने के बहाने छेड़ते है, लोग बहोत बार एक दूसरे पर कीचड़ फेखते है।
इन कुरूतियों को रोक कर हमें इस त्यौहार को मनाना चाहिए।



तो दोस्तो बस आज के लिए इतना ही।।
यह आने के लिए धन्यवाद।।

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