रविवार, 11 मार्च 2018

रॉयल एनफील्ड का इतिहास

नमस्कार दोस्तों मै AV  HINDI CREATOR आज आपके लिए लेकर आया हूं  थोड़ा इतिहास से सम्बंधित ब्लोग, आज हम बात करने जा रहे है अधिकतर लोगों की ड्रीम बाइक रॉयल एनफील्ड के बारे में, तो ज्यादा समय नष्ट न करते हुवे शुरू करते है।


तो चलिए करते है शुरू:-





दोस्तों बुलेट को पसंद करने वाले लोग कहते है कि बाइक होतो बुलेट जैसी इसलिए यह बाइक रोड़ से ज्यादा लोगो के दिलो पर राज करती है।
भले ही हमने इस बाइक के ads टीवी पर ज्यादा न देखे हो लेकिन फिर भी सब इस बाइक की ताकत से वाकिफ है।
यहा हम बात कर रहे है ROYAL ENFIELD की जिसके ने सिर्फ भारत मे बल्कि पूूरी दुनिया मे करोड़ों फैंस है और इस ब्रांड की लोकप्रियता का अंदाजा हम इसी बात से लगा सकते हैं कि रॉयल एनफील्ड के कस्टमर इतने ब्रांड लॉयल होते हैं कि इसकी नई बाइक के लिए वह कई महीनों तक इंतजार कर सकते हैं और दोस्तो रॉयल एनफील्ड को एक इंडियन ब्रांड के रूप में जाना जाता है।
आपको यह सुनकर हैरानी होगी कि इसकी शुरुआत 125 साल पहले इंग्लैंड में हुई थी ओर यह आगे चलकर कैसे एक भारतीय ब्रांड बना इस के बारे में हम आगे जानेंगे।


-रॉयल एनफील्ड का इतिहास:-

दोस्तों रॉयल एनफील्ड की शुरुआत अल्बर्ट A.D. और R.W. स्मिथ ने साल 1892 में कि थी और उस समय इस कंपनी का नाम था EADIE MANUFACTURING LIMITED जो की रॉयल स्माल ऑल फैक्ट्री के लिए बंदूक के छोटे छोटे पार्ट्स बनाने का काम करती थी।
फिर आगे चल कर 1896 में eadie manufacturing के अंतर्गत ही एक ओर फेक्ट्री बनाई गई, जिसका नाम रखा गया THE NEW ENFIELD CYCLE COMPANY, यह कंपनी मुख्य रूप से साईकल ओर उसके पार्ट्स बनाती थी।
कुछ सालो बाद कंपनी ने एक नई सोच के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया, 1899 में उन्होंने 4 पहियो वाली एक साईकल बनाई और उसके ठीक 2 साल बाद ही 1901 में साईकल पर ही इंजन जोडकर एनफील्ड ने अपनी पहली मोटरसाइकिल लॉन्च की, जिसमे उन्होंने MINERVA नाम की कंपनी का इंजन उपयोग में लिया था।

ओर फिर 1903 में इस कंपनी ने कार प्रोडक्शन में भी अपना कदम बढ़ा दिया, हालांकि उन्हें इस बिजनेस से अगले कुछ सालों में बहोत ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा, इसलिए उन्होंने अपनी कार बनाने वाली कंपनी को ALLDAYS & ONIONS को बेच दिया।

लेकिन मोटरसाइकिल बनाने में एकाग्रता लाने के बाद उनको सब से बड़ी सफलता 1914 में मिली, जब पहले वर्ल्ड वॉर के समय उन्हें ब्रिटिश वॉर डिपार्टमेंट को मोटरसाइकिल सप्लाई करने का एक बड़ा आर्डर मिला और फिर इंपीरियल रशियन सरकार ने भी उन्ही से मोटरसाइकिल खरीदने का फैसला किया।

यह से इस कंपनी की मोटरसाइकिल बहोत ज्यादा तेजी से प्रसिद्ध होने लगी, और फिर दूसरी वर्ल्ड वॉर के दौरान ब्रिटिश अथॉरिटीस ने इस कंपनी के साथ मिलेक्ट्री मोटरसाइकिल बनाने का एक बहोत बडा कॉन्ट्रैक्ट साइन किया, और फिर दूसरे विश्व युद्ध मे एनफील्ड की मोटरसाइकिल को बड़ी मात्रा में उपयोग में लिया गया।

इंडिया में रॉयल एनफील्ड को 1949 में लाया गयााआ था, हालांकि लोगो ने इसे 1954 से पसन्द करना शुुुुरू किया था जब भारत सरकार ने पुलिस और इंडियन आर्मी के लिए इस बाइक का उपयोग किया था, और उस समय 350cc की 800 मोटरसाइकिल मंगाई गई थी।
1955 में एनफील्ड कंपनी ने मद्रास मोटर्स के साथ पार्टनरशिप की ओर कुछ इस तरह से रॉयल एनफील्ड (इंडिया )की शुरुआत हुई, मद्रास मोटर्स ने पहेली बार 350cc की मोटरसाइकिल बेची जिसके पार्टस वह इंग्लैंड से मंगाते थे।
और फिर 1962 से मोटरसाइकिल के सभी पार्टस इंडिया में ही बनने लगे, हालांकि एनफील्ड(इंग्लैंड) को आगे चल कर जबरदस्त घटा हुवा और इसलिए 1971 में वह कंपनी बन्द करनी पड़ी, लेकिन भारत मे मोटरसाइकिल का प्रोडक्शन चालू रखा गया, लेकिन भारत मे भी इस कंपनी को घटा हो रहा था इसलिए आगे चल कर यह कंपनी EICHER MOTERS LIMITED के साथ जुड़ गई।
और फिर eicher group के मालिक विक्रमलाल के बेटे सिद्धार्थ ने साल 2000 में मार्केटिंग ओर आउटलेट के दम पर फिर से इस मोटरसाइकिल की बिक्री बढ़ा दी, क्योकि उन्होंने समय के साथ डिजाइन में परिवर्तन किया था, ओर एनफील्ड बाइकर्स के लिए अलग-अलग राइड भी ऑर्गेनाइज्ड करती है जिससे लोगो मे भी इस बाइक का क्रेज बढ़ता है।
आज के समय मे यह मोटरसाइकिल भारत मे ही नही बल्कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, इंडोनेशिया जैसे 50 से ज्यादा देशों में बेची जाती है।
2013 में एनफील्ड की कुल 81446 मोटरसाइकिल बिकी ओर 2014 में 51 फीसदी ग्रोथ के साथ 123018 मोटरसाइकिल बेची।
ओर अभी कुछ महीनों पहले 18 सितम्बर 2017 को ही रॉयल एनफील्ड की क्लासिक 350 ओर 500 मॉडल की बाइक लॉन्च की गई।


तो दोस्तो बस आज के लिए इतना ही।।
यह आने के लिए धन्यवाद।।




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