गुरुवार, 15 मार्च 2018

ब्लैक होल क्या होता है ?

नमस्कार दोस्तो, आपका एक बार फिर स्वागत है Av Hindi Creator में, आज हम बात करने जा रहे है बहोत ही रोचक टॉपिक के बारे में, आज में आपको बताने वाला हूं कि ब्लैक होल होता क्या है ?और अगर हम इसमे गिर जाए तो क्या होगा ? साथ ही ओर भी बहोत कुछ, तो समय नष्ट न करते हुए शुरू करते है।

तो चलिए शुरू करते है:-





1.क्या होता है ब्लैक होल ? :-

बिना झिझक के हम कह सकते हैं कि ब्लैक होल्स इस ब्रम्हांड के सबसे अजीब जगहों में से एक है ब्लैक होल्स को अगर हम आसान भाषा में कहें तो यह अंतरिक्ष की एक ऐसी जगह है जहां का गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि कोई भी चीज इससे बच नहीं सकती यहां तक कि प्रकाश भी नहीं।

 अब अगर मैं गणितीय तौर पर बात करूं तो कोई भी चीज ब्लैक होल बन सकती है किसी भी चीज का घनत्व जितना ज्यादा रहेगा तो उसका गुरुत्वाकर्षण शक्ति भी उतनी ही ज्यादा होगी, देखिए ब्लैक होल का घनत्व बहुत ज्यादा होता है इसके चलते उसका गुरुत्वाकर्षण बल भी इतना ज्यादा होता है कि वह प्रकाश को भी अपनी तरफ खींच लेता है और प्रकाश इस ब्रम्हांड में सबसे उच्चतम गति से सफ़र करता है, तो अगर प्रकाश इस ब्लैक होल से बचकर नहीं निकल पाता तो इसके गुरुत्वाकर्षण बल से बाकी चीजें कैसे बच सकती है।

अब किसी भी पदार्थ को ब्लैक होल बनाना तभी मुमकिन है जब अगर हम किसी भी पदार्थ को बहुत मतलब की बहुत ही ज्यादा कंप्रेस्ड कर दे मतलब कि उसे दबाकर छोटा कर दे, उदाहरण के तौर पर अगर हम हिमालय को दबाकर एक नैनो साइज में कर दे तो तब वह है एक ब्लैक होल बन जाएगा, एक और उदाहरण के तौर पर समझे तो अगर हम हमारी पृथ्वी को दबाकर एक मटर के दाने जितना कर दे तो वह भी एक ब्लैक होल बन जाएगी।

 पर वैसे भी हमें ऐसी टेक्नोलॉजी को निकालने की जरूरत नहीं, ऐसे बहुत से तारे हैं जिनका आकार पृथ्वी से लाखों-अरबो गुना ज्यादा होता है तो जाहिर सी बात है कि अगर हम उस तारे को दबाकर पृथ्वी जितना कर दे तो वह एक ब्लैक होल बन जाएगा, पर अच्छी बात यह है कि हमें ऐसा करने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसा ब्रह्मांड में अपने आप हो जाता है।

 जब ब्रह्मांड में किसी तारे की मृत्यु होती है जिसे कि हम सुपरनोवा कहते हैं तो वह तारा खुद ही सिकुड़ने लगता है और उसका घनत्व बढ़ने लगता है, सिकुड़ते सिकुड़ते उस तारे का घनत्व और गुरुत्वाकर्षण इतना ज्यादा हो जाता है कि प्रकाश भी अब उससे बच नहीं सकता, वह छोटा सा बिंदु  जहाँ पर वह तारा सिकुड़कर ब्लैक होल बन जाता है उसे हम सिंगुलैरिटी कहते हैं मैं आशा करता हूं कि आपने सिंगुलैरिटी के बारे में पहले भी सुना होगा।

 ब्लैक होल की वह बाउंड्री जहां से प्रकाश बाहर नहीं निकल सकता उसे हम इवेंट होराइजन कहते हैं, मतलब इवेंट होराइजन से पहले प्रकाश बचकर जा सकता है पर उसके आगे कभी बचकर नहीं जा सकता है।

अब बात आती है कि आखिर ब्लैक होल्स को हम ब्लैक होल्स क्यों कहते हैं ? तो ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि ब्लैक होल से प्रकाश बाहर नहीं निकल सकता, पर इसका मतलब यह नहीं है कि ब्लैक हॉल में प्रकाश नहीं होता, ब्लैक होल में प्रकाश होता है पर वह प्रकाश आपकी आंखों तक नहीं पहुंच पाता क्योंकि ब्लैक होल से प्रकाश बाहर नहीं निकल सकता है तो जब वहां से प्रकाश बचकर नहीं निकल पाता तो वह आपकी आंखों तक कैसे पहुंचेगा, और इसीलिए हमें यह काले रंग का दिखता है।

 ब्लैक होल्स समय को भी प्रभावित करते हैं, ब्लैक होल्स का घनत्व इतना ज्यादा होता है कि यह अंतरिक्ष के समय को नष्ट कर देती है, जो ऑब्जेक्ट ब्लैक होल के सामने होता है वह समय को धीरे अनुभव करता है मतलब कि ब्लैक होल के सामने का समय बाकी जगह से धीरे चलता है, मान लीजिए कि आप एक अंतरिक्ष यान में बैठे हैं जो कि ब्लैक होल का चक्कर लगा रहा है और वह इवेंट होराइजन से दूर सुरक्षित जगह पर चक्कर लगा रहा है, उस समय अंतरिक्ष यान के अंदर का समय बाहर के मुकाबले धीरे हो जाएगा और आप समय यात्रा भी कर पाओगे।


2.अगर आप ब्लैक होल में गिर जाओ तो क्या होगा ? :-

क्या आप जानना चाहते हो कि अगर आप ब्लैक होल में गिर जाओ तो क्या होगा ? क्या आप आसानी से उसके अंदर चले जाओगे ? नहीं ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा, असल में आपका शरीर एक रबड़ की तरह खींचेगा जब आप उसके अंदर जाओगे।

 मैं आपको बताता हूं कि ऐसा क्यों होगा मान लीजिए कि जब आप ब्लैक होल में गिर रहे हो तो आपका पैर ब्लैक होल की तरफ है, आपके शरीर का वह हिस्सा जो कि ब्लैक होल के नजदीक है मतलब की आपका पैर, अब वह हिस्सा सबसे ज्यादा गुरुत्वाकर्षण बल को अनुभव करेगा उसके मुकाबले जो हिस्सा ब्लैक होल से दूर है जैसे कि आपका सिर और इसीलिए आपका शरीर एक रबड़ की तरह खींच जाएगा।

 आपके शरीर के सारे मॉलिक्यूल्स बिखर जाएंगे और अंत में जाकर आपकी मृत्यु हो जाएगी पर डरिए मत ऐसा कभी होगा नहीं क्योंकि जो सबसे पास का ब्लैक होल है वह हमारे सौरमंडल से हजारों प्रकाश वर्ष दूर है।


तो दोस्तो आज के लिए बस इतना ही।
यहा आने के लिए धन्यवाद।।

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