बुधवार, 14 मार्च 2018

टेलीपोर्टेशन क्या है और क्या यह सम्भव है ?

नमस्कार दोस्तों, आप का एक बार फिर स्वागत है, मै Av Hindi Creator आज आपके लिए लेकर आया हूँ  एक  बेहद रोचक और आकर्षक पोस्ट, जिसमे आज हम बात करेंगे टेलीपोर्टेशन के बारे में ओर पता करंगे की क्या यह सम्भव है, तो बिना समय को नष्ट करते हुए शुरू करते है।

तो चलिए शुरू करते है:-



क्या है टेलीपोर्टेशन और क्या यह सम्भव है ? What is the Teleportation ?

अगर आप बिना सफर किए एक जगह से दूसरी जगह चले जाए तो इसे टेलीपोर्टेशन कहते है, पहले आपको लगेगा कि क्या यह सम्भव भी है ? तो जान लीजिए कि यह बिल्कुल सम्भव है।

अब आप मान लीजिए की आप अपने घर से अपने किसी रिश्तेदार के घर पर जाना चाहते हो जो कि आपके घर से 20k.m. दूर है तो अब आपके घर से आपके रिस्तेदार के घर तक जाने के दो तरीके है, पहला तो यह कि आप किसी कार, बाइक, पैदल ओर या फिर किसी ओर चीज़ की मदद से सफर कर के जाओग, अब दूसरा तरीका है टेलीपोर्टेशन, इसके जरिए आप एक जगहे से दूसरी जगह बिना सफर किए हुए जा सकते हो।

आपने बहुत सारी साइंस फिक्शन फिल्मो के पात्रों को देखा होगा जो एक जगह से दूसरी जगह टेलीपोर्टेशन के जरिए जाते है, लेकिन यह चीज़ अभी तक रियल लाइफ में प्रेक्टली प्रूव्ड नही हुई हैं।
मान लीजिए कि मै आपको धरती से मंगल ग्रह पर टेलीपोर्ट करना चाहता हूँ, तो टेलीपोर्टेशन साइंस यह कहती है कि इसके लिए मुझे आपके शरीर के सारे एटम्स को अलग-अलग करना पड़ेगा, यानी कि उन्हें DEMATERIALIZE करना होगा ओर फिर उसके बाद मंगल ग्रह पर फिर से उन एटम्स को REMATERIALIZE करना पड़ेगा, पर उसके पहले आपको यह जानना चाहिए कि QUANTUM ENTANGLEMENT के अनुसार ब्रम्हांड की कोई भी दो पार्टिकल आपस मे इंटर लिंक होती है मतलब की वह आपस मे जुड़ी हुई होती है।

अगर किसी जगह किसी एक पार्टिकल की सरंचना को बदले तो वह हजारो लाखो किलोमीटर दूर किसी दूसरे पार्टिकल को भी अफेक्ट करेगी एक दम उसी समय, इसका मतलब बिना सफर किए हम एक जगह से दूसरी जगह जा सकते है, विज्ञान की दुनिया मे ऐसे बहोत सारे प्रयोग किए गए है जहाँ सही में टेलीपोर्टेशन के प्रयोगों को प्रूव्ड किया गया है।
बहोत सारी साइंस लैब्स में कम दूरी तक फोटोन्स को टेलीपोर्ट किया गया है।

फोटोन्स सामान्य वह पार्टिकल है जिस से प्रकाश बना है,  बहुत सारे लैब्स में 15 किलोमीटर तक फोटोन्स को टेलीपोर्ट किया गया है बिना किसी एक्चुअल ट्रेवल के, 2012 में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने रिकॉर्ड कायम किया जब इन पार्टिकल्स को उन वेज्ञानिको ने 143 किलोमीटर तक टेलीपोर्ट किया था।

पर सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि चलो हमने प्रकाश के कणों को तो टेलीपोर्ट कर दिया, पर किसी इंसान को टेलीपोर्ट करना सम्भव है? तो जैसा कि मैने पहले बताया कि इसको करने का तरीका यह है कि मै किसी भी तरह आपके शरीर के अरबो एटम्स को DEMATERIALIZE कर दूंगा ओर फिर जिस जगह टेलीपोर्ट करना है वहाँ फिर से REMATERIALIZE कर दूंगा, मान लीजिए कि मैं आपको धरती से मंगल ग्रह पर भेज रहा हूँ इसलिए मैं धरती पर आपको करोड़ो टुकड़ो में बाँट दूंगा ओर इस शरीर की सूचना को ENTANGLEMENT के जरिए टेलीपोर्ट कर दूंगा ओर मंगल ग्रह पर ये सारी सूचना इखट्टा होगी और आपका शरीर वहा पर जुड़ जायेगा।

पर मॉर्डन साइंस के अनुसार आज की टेक्नोलॉजी में यह सम्भव नही है क्योकि एक इंसान के शरीर मे लगभग 7,000,000,000,000,000,000,000,000,000 इतने एटम्स होते है ओर अगर हम डेटा की बात करे जोकि M.B., G.B., T.B. में होता है तो एक इंसानी शरीर मे 60 Z.B.  सूचना होती हैं ओर आपको यह जान लेना चाहिए कि Z.B. बहोत ज्यादा होता है, यह कुछ इस प्रकार है:-

1. K.B.
2. M.B.
3.G.B.
4. T.B.
5. P.B.
6. E.B.
7. Z.B.

हम लोगो का शरीर अरबो गिगबाईट्स का बना हुआ है, हर एक एटम को हमे सबसे पहले ENTANGLE करना पड़ेगा फिर DIGITIZE करना पड़ेगा और फिर अंत मे जाकर उन एटम्स को टेलीपोर्ट करना होगा, अगर हम लोग सच मे इतने मुश्किल शरीर को टेलीपोर्ट करने जाए तो हमे इस काम मे 4.5×10 की घात 18 साल लग जाएंगे, मतलब की इस ब्रह्माण्ड की उम्र से 350 गुना ज्यादा समय लग जाएगा ओर दूसरी बात यह है कि जब आप टेलीपोर्टेशन करोगे तब जब आप दूसरी जगह पर पहुँचोगे तो आप वह नही रहे जाओगे जो कि आप पहले थे, मतलब की अगर में आपको धरती से मंगल पर भेजता हु तो आप बीच मे ही खत्म हो जाओगे, हालांकि आप मंगल पर जा कर फिर से बन जाओगे लेकिन फिर आप वही नही रहोगे जो कि आप धरती पर थे आपकी पहचान पूरी तरह से अलग होगी क्योकी आप खत्म होकर फिर से बने हो।
तो अंत मे हमे यह पता चलता है कि अभी की टैक्नोलॉजी से तो हम टेलीपोर्टेशन नही कर सकते लेकिन हो सकता है कि यह भविष्य में सम्भव हो।


तो दोस्तो आज के लिए बस इतना ही।
यहा आने के लिए धन्यवाद।।

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